हौजा न्यूज एजेंसी। हम अपने प्रिय पाठकों के लिए ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई की नज़र में रमज़ान के महीने में पवित्र कुरान की तिलावत का महत्व प्रस्तुत कर रहे हैं।
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
शहरो रमज़ानल अली उनज़िले फ़ीहिल क़ुरआन हुदन लिन्नासे वा बय्येनातिम मिनल हुदा वल फ़ुरक़ान
क्रांति के सर्वोच्च नेता ने कहा: जब हमें बताया जाता है कि रमजान का महीना ईश्वर से विशेष आतिथ्य का महीना है और इलाही मेहमानी का दस्तरख्वान बिछाया जाता है, इस दस्तरख्वान पर क्या चीजे मयस्सर होंगी? इस दस्तरख्वान से हमें जिन चीजों से इस्तेफादा करना है उनमें से एक रोज़ा है और दूसरा कुरान का गुण है। इस पवित्र महीने में कुरान को अन्य दिनों की तुलना में कई और गुणों के साथ इस दस्तरख्वान की जीनत बनाया है और हमें बताया गया है कि तिलावत करना है। कुरान, ये वही रमणीय (लज़्ज़त बख़्श) और आध्यात्मिक चीजें हैं जिन्हें भगवान ने इस दस्तरख्वान की जीनत बनाया है।
09 अक्टूबर, 2005
5 रमजान 1426 हिजरी